राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ संसद का बजट सत्र, राष्ट्रपति ने गिनाई सरकार की उपलब्धियां

नई दिल्ली, 31 जनवरी (न्यूज़ हेल्पलाइन)    आज सोमवार 31 जनवरी से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है। हर बार की तरह इस बार का बजट सत्र भी राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज के अपने अभिभाषण में अपने सरकार (केंद्र सरकार) की उपलब्धियों को गिनाया, और साथ ही भविष्य के लिए योजनाओं के बारे में भी बताया।

आज राष्ट्रपति के अभिभाषण शुरू होने से पूर्व संसद के सेंट्रल हॉल को अच्छी तरह सजाया गया था। राष्ट्रपति के अभिभाषण के शुरू होने से पूर्व संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के पक्ष-विपक्ष के सांसदों ने अपना स्थान ग्रहण कर लिया था। हालांकि DMK और कांग्रेस के कुछ सांसदों ने तमिलनाडु में NEET से संबंधित बिल के राज्यपाल द्वारा पास करने में देरी के खिलाफ संसद में प्रदर्शन किया, मगर यह प्रकरण भी राष्ट्रपति के आने से पूर्व समाप्त हो गया था।

आज के अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कहा कि मैं उन लाखों स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करता हूं जिन्होंने अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता दी और भारत को उनके अधिकार दिलाने में मदद की। स्वतंत्रता के 75 वर्षों में भारत की विकास यात्रा में योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को भी मैं सम्मानपूर्वक याद करता हूं।  

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आगे कहा कि इस वर्ष से, सरकार ने 23 जनवरी - नेताजी की जयंती से गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत की है। मेरी सरकार का मानना ​​है कि देश के सुरक्षित भविष्य के लिए अतीत को याद रखना और उससे सीखना बहुत जरूरी है। 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आगे कहा कि COVID19 के खिलाफ लड़ाई में भारत की क्षमता टीकाकरण कार्यक्रम में स्पष्ट हुई। एक साल से भी कम समय में हमने वैक्सीन की 150 करोड़ से अधिक खुराक देने का रिकॉर्ड बनाया है। आज, हम अधिकतम मात्रा में खुराक देने के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में से एक हैं। 

राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में आगे कहा कि COVID19 के कारण कई लोगों की जान चली गई। ऐसी परिस्थितियों में भी हमारे केंद्र, राज्यों, डॉक्टरों, नर्सों, वैज्ञानिकों, हमारे स्वास्थ्य कर्मियों ने एक टीम के रूप में काम किया मैं अपने स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का आभारी हूं। आयुष्मान भारत कार्ड से गरीबों को हुआ फायदा जन औषधि केंद्र में कम कीमत पर दवाओं की उपलब्धता भी एक अच्छा कदम था। 

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आगे कहा कि डॉ बीआर अंबेडकर ने कहा था कि उनका आदर्श समाज स्वतंत्रता, समानता और सद्भाव पर आधारित होगा। लोकतंत्र केवल सरकार का एक रूप नहीं है, लोकतंत्र का आधार लोगों के प्रति सम्मान की भावना है। मेरी सरकार बाबासाहेब के आदर्शों को अपना मार्गदर्शक सिद्धांत मानती है। 

राष्ट्रपति कोविंद ने आगे कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी भूखा घर न लौटे, मेरी सरकार हर महीने पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को मुफ्त राशन वितरित करती है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य वितरण कार्यक्रम चला रहा है; इसे मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने बजट सत्र अभिभाषण में आगे कहा कि जिस तरह से मेरी सरकार ने जन धन-आधार-मोबाइल, जैम ट्रिनिटी को नागरिक सशक्तिकरण से जोड़ा, उसका प्रभाव हम देख सकते हैं। 44 करोड़ से अधिक गरीब नागरिकों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने से करोड़ों लाभार्थियों को महामारी के दौरान सीधे नकद हस्तांतरण का लाभ मिला।

राष्ट्रपति ने अपने बजट सत्र अभिभाषण में आगे कहा कि मेरी सरकार रेहड़ी-पटरी वालों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री स्व निधि योजना भी चला रही है। अब तक 28 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को 2900 करोड़ रुपए से अधिक की आर्थिक सहायता मिल चुकी है। सरकार अब इन वेंडरों को ऑनलाइन कंपनियों से जोड़ रही है।

राष्ट्रपति कोविंद ने आगे कहा कि हमारे छोटे पैमाने के किसानों की देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है; मेरी सरकार ने हमेशा 80% छोटे पैमाने के किसानों को प्राथमिकता दी है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 11 करोड़ से अधिक किसानों के परिवार लाभान्वित कर रही है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने बजट अभिभाषण के अगले हिस्से में कहा कि महिला सशक्तिकरण मेरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। हम उज्ज्वला योजना की सफलता के साक्षी हैं। मुद्रा योजना के माध्यम से महिलाओं की उद्यमिता और कौशल को बढ़ावा मिला है। 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के कई सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद महिला सशक्तिकरण के बारे में आगे कहा कि मेरी सरकार ने बेटे-बेटियों को समान दर्जा प्रदान करते हुए महिलाओं की शादी के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष बढ़ाकर 21 वर्ष करने का विधेयक पेश किया है, ठीक वैसे ही जैसे पुरुषों के लिए।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने महिलाओं के बारे में अन्य उपलब्धियों पर बोलते हुए आगे कहा खुशी की बात है कि सभी 33 सैनिक स्कूलों ने अब लड़कियों को भी प्रवेश देना शुरू कर दिया है। सरकार ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में महिला कैडेटों के प्रवेश को भी मंजूरी दे दी है। महिला कैडेटों का पहला जत्था जून 2022 में एनडीए में आएगा।

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के हिस्से के रूप में स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है; भारतीय भाषाओं में महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षा आयोजित करने पर जोर दिया जा रहा है। 10 राज्यों में 19 इंजीनियरिंग कॉलेज इस साल 6 भारतीय भाषाओं में पढ़ाएंगे।

खेलों में देश की उपलब्धि पर बोलते हुए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि हमने टोक्यो ओलंपिक में भारत की युवा शक्ति की क्षमता देखी। भारत ने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 7 पदक जीते। टोक्यो पैरालंपिक में भी, भारत ने 19 पदक जीते और एक रिकॉर्ड बनाया। ओलंपिक और खेल गतिविधियों में भारत की उपस्थिति को मजबूत करने के लिए, केंद्र सरकार - राज्य सरकारों के साथ - सैकड़ों खेलो इंडिया केंद्र स्थापित कर रही है।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने एक संवेदनशील मुद्दे पर पर भी बोलते हुए कहा कि तीन तलाक को अपराध घोषित कर सरकार कुप्रथाओं से मुक्ति की दिशा में आगे बढ़ रही है। सरकार ने मेहरम (पुरुष-अभिभावक) के साथ हज पर जाने के लिए मुस्लिम महिलाओं पर प्रतिबंध भी हटा लिया है।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। वहां 7 मेडिकल कॉलेजों के अलावा 2 एम्स पर काम चल रहा है। 2 एम्स में से एक जम्मू और दूसरा कश्मीर में है। IIT जम्मू और IIM जम्मू पर काम चल रहा है।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने देश सुरक्षा पर बोलते हुए कहा हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे सशस्त्र बलों के लिए आवश्यक सामान भारत में निर्मित हो। सरकार ने आयुध कारखानों को 7 रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों में बदलने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण में यह यह भी जोड़ा कि मेरी सरकार की नीतियों के कारण आज भारत उन देशों में से एक है जहां इंटरनेट शुल्क बहुत कम है। स्मार्टफोन की कीमत भी कम हुई है। चुनौतियों के बावजूद, हमने ऑपरेशन देवी शक्ति के हिस्से के रूप में अपने नागरिकों, अफगान-हिंदू-सिख-अल्पसंख्यकों को काबुल से सफलतापूर्वक एयरलिफ्ट किया। हम गुरु ग्रंथ साहिब के दो 'सरूप' भी वापस लाए; अफगानिस्तान को भी चिकित्सा आपूर्ति की आपूर्ति की है। अंत में राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार के प्रयासों से भारत ने एक बार फिर स्थापित किया है।

Posted On:Monday, January 31, 2022


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